मोड़ी लिपि
मोडी लिपिक नाम छी जेकर प्रयोग सन १९५० धरि महाराष्ट्रक प्रमुख भाषा मराठीके लेख्न करैत छल । 'मोडी' शब्दक उद्गम फारसीक शब्द शिकस्तक अनुवादसँ भेल अछि जेकर अर्थ होएत अछि 'तोडनु वा मोडनु' छी।
ई लिपिक विकासक सम्बन्धमे बहुत सिद्धान्त प्रचलित अछि। सिद्धान्त अछि कि एकरा हेमादपंत (या हेमाद्री पण्डित)सँ महादेव यादव आ रामदेव यादवक शासनक बेला (१२६०-१३०९) विकसित भेल छल । एकटा अन्य सिद्धान्तक अनुसार हेमादपंत एकरा श्रीलंकासँ लावने छल ।
मोडी लिपिक मुद्रण देवनागरी लिपिक तुलनामे अधिक जटिल अछि एहिके लेल एकर प्रयोग १९५०मे आधिकारिक रुपसँ बन्द कैर देल आ तबतक सँ आजधरि मराठी भाषाक मुद्रणक लेल सिर्फ देवनागरी लिपिक हि प्रयोग करैत अछि।
केही भाषाविदसभ हाल हीमा पुणेमा ई लिपिके पुनर्जीवित करै कोशिशक शुरुआतछी।