भोलालाल दास 1897-1977

हिनक जन्म दरभंगा जिलाक कसरौर मे भेलन्हि । साहित्य सर्जनाक अतिरिक्त अपन संगठन क्षमता तथा मैथिली साहित्यक सर्वतोमुखी विकासक हेतु सतत तत्पर रहबाक कारणेँ भोला बाबू मैथिली संसारक एक स्तम्भक रूपमे रहलाह । हिनक निधन 1977 ई. मे भेल । मैथिलीक प्रचार-प्रसारमे ई अपन जीवन समपित कएने छलाह। पाठ्यक्रममे मैथिलीकेँ स्थान हो ताहि हेतु ई बीड़ा उठओलन्हि । विद्यालय स्तरक अनेक पोथीक निर्माण कएल । मैथिली साहित्य परिषदक ई संस्थापक मण्डलक सदस्य छलाह । 1931 सँ 1940 ई. पर्यन्त ओकर प्रधान मन्त्नी रहलाह । हिनक मन्त्नित्वकालमे ’भारती’ नामक मासिक पत्नक प्रकाशन भेल । एहिसँ पूर्व (१९२९-३१) कुशेश्वर कुमरजीक संग संयुक्त सम्पादनमे ’मिथिला’ नामक पत्न चलाओल । ई नवीन एवं प्रगतिशील विचारक लोक छलाह । ननव लेखककेँ प्रोत्साहित करब, शैलीमे एकरूपता आनब, नव प्रकाशनसँ मैथिलीक साहित्य भंडारक पूर्त्ति करब हिनक कर्त्तव्य बनि गेल छल । हिनक लिखल ‘मैथिली व्याकरण’ तथा हिनकहि द्वारा सम्पादित ‘गद्यकुसुमांजलि बहुत दिन धरि विद्यालयमे पढ़ाओल जाइत रहल । हिनक लिखल अनेक निबन्ध समालोचना, कविता, संस्मरण, जीवनी-साहित्य मैथिलीक पत्र-पत्निकामे छिड़िआएल अछि ।