भवनाथ झा
भवनाथ झा क जन्म 23 सितम्बर, 1968 ई. मे बिहारक वर्तमान मधुबनी जिला में झंझारपुर प्रखण्ड मे हटाढ रुपौली नामक गाम मे पगुलिवार बढियाम मूल मे भेल। हिनक पिता पं. अमरनाथ झा संस्कृत व्याकरण आ साहित्यक पारम्परिक विद्वान् रहथि। हिनक माताक नाम योगेश्वरी देवी छन्हि। पं. झाक जेठ भाय पं. शम्भुनाथ झा सेहो संस्कृत साहित्यक प्रख्यात विद्वान् एवं शिक्षक छथि।
शिक्षा
सम्पादन करीभवनाथ झा क प्रारम्भिक शिक्षा लक्ष्मीश्वर एकेडमी, सरिसब पाही मे भेल। ओतए सँ 1983 ई में माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कए ई जगदीश नन्दन महाविद्यालय, मधुबनी सँ विज्ञान विषय मे अन्तर-स्नातक तथा रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी मे इतिहास, अंग्रेजी आ संस्कृत विषय सँ स्नातकक अध्ययन कएल। संस्कृत मे स्नातक प्रतिष्ठाक अध्ययन करबाक लेल ई महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह महाविद्यालय चुनलनि, जतए पं. रामजी ठाकुर, पं. विश्वेश्वर झा आदि प्रख्यात विद्वान् अध्यापक रहथि। संग-संग हिनका अपन पिताक सान्निध्य सेहो अपन गाम मे भेटलनि। एकर बाद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग, दरभंगा मे अपन समयक प्रख्यात समस्कृत विद्वान् पं. त्रिलोकनाथ झा, पं, रामजी ठाकुर, पं. चण्डेश्वर झा, पं, शक्तिधर झा, पं. कालिकादत्त झा, पं. श्रीवर्द्धन ठाकुर आदिक साहचर्य भेटलनि। एतए सँ 1990 क सत्र मे 1992 मे संस्कृत मे स्नातकोत्तर प्रथम श्रेणी मे उत्तीर्ण भए दरभंगा एवं अपन गाम मे रहैत स्वाध्याय कएलनि तथा 1995 ई मे कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय सँ साहित्याचार्य मे प्रथम श्रेणी मे उत्तीर्ण भेलाह।
साहित्य-साधना
सम्पादन करीमैथिली
सम्पादन करी1980 ई. में ई सरिसब पाही क्षेत्र मे विद्यापति पर्व समारोहक शृंखलाबद्ध कार्यक्रम सभ मे भाग लैत ओहिसँ प्रभावित भए अपन मातृभाषा मैथिली मे कविता लिखब आरम्भ कएल। ओहि समय में लालगंजक पं. भवनाथ झा ‘दीपक’, लोहनाक शैलेन्द्र आनन्द, श्रीराज, शिवशंकर श्रीनिवास, आदिक संसर्ग मे अएलाह आ बाद मे चलि कए मैथिली कथाक कार्यक्रम सगर राति दीप जरए मे नियमित रूप सँ भाग लेलनि आ अनेक मैथिली कथा लिखलनि जे ओहि समयक विभिन्न पत्रिका आ संकलन मे भवनाथ ‘भवन’ क नाम सँ प्रकाशित भेल। हैंगर मे टाँगल कमीज, सरकारी फोटो, धनि काल्हि जेबै पैंजाब, घुरि आउ कमला आदि महत्त्वपूर्ण अछि। मैथिली मे हिनक उपन्यासिका ‘मण्डन मिश्र’ प्रकाश्य अछि।
संस्कृत
सम्पादन करी1998 ई. मे राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान क सम्बद्ध महाविद्यालय अजित कुमार मेहता संस्कृत शिक्षण संस्थान मे साहित्याध्यापकक रूप मे नियुक्त भेलाह आ संस्कृत साहित्य में लेखन सँ जुडलाह। सरिसब पाही क्षेत्र में स्थापित साहित्यिकी संस्थासँ जुडि ओकर साहित्यिक वातावरण सँ प्रेरणा लए संस्कृत काव्य लिखबाक दिस प्रवृत्त भेलाह। एहि मे पं. रामजी ठाकुर आ डा. किशोरनाथ झाक योगदान रहलनि। हिनक पहिल संस्कृत काव्य ‘भ्रूणपञ्चाशिका’ क किछु अंश साहित्यिकी पत्रिका मे सेहो प्रकाशित भेल जे पश्चात् हिन्दी अनुवादक संग महावीर मन्दिर, पटनाक पत्रिका ‘धर्मायण’ मे 2003 ई. मे पूर्ण रूपसँ छपल। एकर बाद ई अश्वघोष कृत ‘बुद्धचरितम्’ के अनुपलब्ध अंश कें तिब्बती आ चीनी अनुवादक अंग्रेजी अनुवाद क आधार पर पूर्ण करबा मे लागि गेलाह। हिनक ई पद्यमय अनुवाद 2013 ई. मे महावीर मन्दिर प्रकाशन सँ प्रकाशित भेल। 2014 ई. मे ‘भ्रूणपञ्चाशिका’ एही प्रकाशन सँ पुस्तकाकार प्रकाशित भेल। हिनक लिखल संस्कृत उपन्यास ‘दावाग्निः’ शीघ्रे प्रकाश्य अछि।
सम्पादन-कार्य
सम्पादन करी1996 ई. मे महामहोपाध्याय परमेश्वर झा कृत ‘यक्षसमागमम्’ काव्यक संस्कृत व्याख्या आ हिन्दी अनुवाद कएलनि, जे एही वर्ष प्रकाशित भेल।
2003 ई. सँ महावीर मन्दिर, पटना में शोध आ प्रकाशन पदाधिकारीक रूप मे कार्य करैत ई ‘धर्मायण’ पत्रिकाक सम्पादन कएल आ एही क्रम मे अनेक पुस्तकक अनुवाद आ सम्पादन कएल।
1. अगस्त्य संहिता
2. दुर्गासप्तशती
3. रामार्चन-पद्धति
4. रुद्रार्चन पद्धति
एकर अतिरिक्त ‘धर्मायण’ पत्रिका मे सेहो जानकी-स्तवराज, सोमवारीव्रतकथा आदिक हिन्दी अनुवाद कए प्रकाशित कएल।
प्राचीन पाण्डुलिपि सँ सम्पादन
सम्पादन करीई मिथिलाक्षरक अनेक पाण्डुलिपिक वाचन सेहो कएने छथि। अपन पिता सँ एहि विधाक मौलिक शिक्षा प्राप्त कएल आ एहि क्षेत्र मे हिनका पं. शशिनाथ झा आ पं. गोविन्द झाक मार्गदर्शन भेटलन्हि। संस्कृतक अध्येता रहबाक कारणें कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय आ मिथिला शोध संस्थानक लेल विभिन्न संस्कृतक पाण्डुलिपिक वाचन सेहो कएल। संगहिं हिनक संपादन मे निम्नलिखित संस्कृत ग्रन्थ एखनि धरि प्रकाशित अछिः-
1. म.म. रुद्रधर कृत पुष्पमाला (मैथिली अनुवाद सहित)- कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक व्याकरण विभागक स्मारिका (2003 ई.)
2. म.म. पशुपति कृत व्यवहाररत्नावली- मिथिला शोध संस्थान, दरभंगाक शोध-पत्रिका शास्त्रार्थ मे प्रकाशित (2014 ई.)
3. म.म. नाह्निदत्त कृत नाह्निदत्तपञ्चविंशतिकाक म.म. रुचिपति कृत विवरण- मिथिला शोध संस्थान, दरभंगाक शोध-पत्रिका शास्त्रार्थ मे प्रकाशित (2014 ई.)
4. म.म. मदन उपाध्यायक मांसपीयूषलता- (शीघ्र प्रकाश्य)
कार्यशाला
सम्पादन करीफरवरी 2015 ई. मे राष्ट्रीय अनुवाद मिशनक अनुवाद कार्यशाला (मैसूर) तथा जून 2015 ई. मे राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन क कार्यशाला (तिलका माँझी विश्वविद्यालय, भागलपुर) में संसाधन-पुरुषक रूप में भाग लेलनि।
सम्प्रति ई महावीर मन्दिर, पटनाक शोध एवं प्रकाशन पदाधिकारीक रूप मे कार्यरत रहि संस्कृत ग्रन्थक सम्पादन आ लेखन मे लागल छथि।