पोखरि जलासयक कहल जाइत अछि । ई प्राकृतिक वा कृतिम दुनू भऽ सकैत अछि जे तालसँ छोट होइत अछि ।[१] प्राचिनकालमे पोखरिक उपयोग पानि पिबके लेल सेहो कएल जाइत छल । पोखैर ग्यामालके नहाबके लेल, खेत बारीमे पाइन पटाबैके लेल, कपरा खिचके लेल उप्योग होइत अछि । ओना बहुत रास काज लोक पोखरिसँ करैत अछि ।

पोल्याण्डमे रहल एक पोखरि


प्राविधिक विवरण सम्पादन करी

उत्पति सम्पादन करी

सन्दर्भ सामग्रीसभ सम्पादन करी