जनताके पूर्णरूपमे स्वतन्त्र, सार्वभौम तथा न्यायपूर्ण अधिकार प्रदान करै राज्यक तीन अंगक व्यवस्था केने रहैत अछि । तहिअनुरूप कार्यपालिका, व्यवस्थापिका तथा न्यायपालिकाक संरचना भेल अछि । न्यायपालिका, (न्यायिक प्रणाली या न्यायाधिकरणक रूपमे चिनल ) अदालतसभक एक व्यवस्था छी , जे व्यक्ति–व्यक्ति तथा राज्यबीचक विवादक निरुपण करैत अछि । ई न्यायिक शाखाके कानूनसभ बदल शक्ति अछि , जे प्रणालीके सुगम रूपमे सञ्चालन करैत अछि । न्यायपालिका पिडित पक्षके न्याय दऽ साथ अन्यय कैर व्याक्तिके करबाई समेत द आग्रह करैत अछि ।[१][२]

सन्दर्भ सामग्रीसभ सम्पादन करी

  1. "शक्ति पृथकीकरण र स्वतन्त्र न्यायपालिका"रामनारायण देवनागरिक दैनिक। ०७ जेठ २०७४। {{cite news}}: Check date values in: |date= (help); External link in |ref= (help)
  2. "दुई करणको चेपुवामा न्यायपालिका"माधब कुमार बस्नेतनागरिक दैनिक। १६ जेठ २०७४। {{cite news}}: Check date values in: |date= (help); External link in |ref= (help)

बाह्य जडीसभ सम्पादन करी

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