धरणीधर कोईराला(वि.सं. १९४९ - वि.सं. २०३६) नेपाली भाषासेवी तथा शिक्षाविद् धरणीधर एक कुशल कवि सेहो अछि ।

धरणीधर कोइराला
तस्वीर उपलब्ध छैन
धरणीधर कोइराला
जन्म१९४९ साल माघ २४
पूर्व २ नम्बर दुम्जा
मृत्यु२०३६ साल
काठमाडौं
पेशाभाषा साहित्य
भाषानेपाली, संस्कृत
राष्ट्रियतानेपाली
नागरिकतानेपाली
शिक्षामहाविद्यावारिधि त्रिविवि
उल्लेखनीय कामसभनैवेद्य
उल्लेखनीय पुरस्कारत्रिभुवन प्रज्ञा पुरस्कार


जीवनी सम्पादन करी

धरणीधरक जन्म तात्कालिन पूर्व २ नम्बर, दुम्जामे वि.सं. १९४९ साल माघ २४ गते भेल अछि । माता पूण्यमातादेवी तथा पिता आवन्तिनाथ कोईरालाका पुत्र धरणीधरक बाल्यकाल हजुरबुबा पूर्णानन्दक काखमे बितल । बनारससँ आई ए क अध्ययन पुरा कैर कवि धरणीधर नेपालमे जागिर नमिलपछा अपन समकालिन मित्र पारसमाणि प्रधानक सहयोगमे वि.सं.१९७६ मे दार्जिलिङक एक सरकारी विद्यालयमे नेपाली शिक्षकक रूपमे प्रवेश करलक । शिक्षकक रुपमे रहेल समय कलकत्ता विश्वविद्यालयसँ स्नातक तथा ढाका विश्वविद्यालयसँ बि टि परिक्षा उत्तिर्ण करल धरणीधर संस्कृत भाषाक प्रकाण्ड विद्वान छल । पछ ओहि विद्यालयमे प्रधानाध्यापकक कार्यभार पावल धरणीधर सन् १९४९मे सेवानिब्रित्त भेल । तहिना स्वतन्त्र भारतक पहिल विधानसभा निर्वाचनमे काङ्ग्रेसक तर्फसँ प्रत्यासी बनल धरणीधर पराजित भेला वाद सन् १९४९ डिसेम्बर सँ दार्जिलिङ जिला सामाजिक शिक्षा अधिकारी भऽ सन् १९५४ डिसेम्बर धरि कार्यरत रहल । तहिना वि.सं. २०१२ सालमे नेपाल फर्किएल धरणीधर फर्पिङक त्रिभुवन आवासीय माध्यमिक विद्यालयमे प्रधानाध्यापकक रुपमे कार्यरत रहल । अपन सम्पूर्ण जीवन नै नेपाली भाषा तथा शिक्षाक सेवामे समर्पित कैर धरणीधरक वि.सं. २०३६ सालमे पशुपति क्षेत्रमे निधन भेल ।

शिक्षा सम्पादन करी

बाल्यकाल सम्पादन करी

कृतिसभ सम्पादन करी

धरणीधरद्वारा लिखित नैवेद्य नामक प्रसिद्ध कविताकृति बाहेक स्पन्दन, नेपाली मन्जरी, लोकक राज जहिना कविताकृतिसभ सेहो प्रकाशित अछि। धरणीधर विभिन्न लेख रचना , जीवन तथा वक्तव्यसभ नेपाली वाङमयके देने अछि। शैक्षिक तथा सामाजिक चेतना, उच्च सस्कार, देशभक्ति एवम् मानविय धारणा जगावल खालक प्रेरणा धरणीधरक कृतिसभमे मिलैत अछि ।

पुरस्कार तथा सम्मान सम्पादन करी

वि.सं. २०२२ सालमे धरणीधरके नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानसे त्रिभुवन प्रज्ञा पुरस्कार सँ सम्मानित करला साथ आजिवन प्राज्ञक रुपमे सम्मान देलक । वि.सं. २०३१ सालमे नेपाली साहित्य सम्मेलन रथ शोभायात्रा गराई सम्मान देलक । वि.सं. २०३१ सालमे त्रिभुवन विश्वविद्यालय साहित्य महाविद्यावारिधिसँ सम्मानित केने अछि ।

बाह्य जडीसभ सम्पादन करी

सन्दर्भ सामग्रीसभ सम्पादन करी

एहो सभ देखी सम्पादन करी