जमदग्नि ऋषि
जमदग्नि ऋषि एक ऋषि छल , जे भृगुवंशी ऋचीक कऽ पुत्र छल तथा जेकर गणना सप्तऋषियो मे होएत अछि।[१] पुराणो कऽ अनुसार एकर पत्नी रेणुका छल , हिनकर आश्रम सरस्वती नदी कऽ तट पर छल । वैशाख शुक्ल तृतीया हिनकर पाच अम प्रसिद्ध पुत्र प्रदोषकाल मे जन्मल छल जिन्हें परशुराम कऽ नामसँ जानल जाएत अछि।
आश्रम
सम्पादन करीहरियाणा मे कैथल सँ उत्तरपूर्वक दिस २८ किलोमीटर कऽ दूरीमे जाजनापुर गाँव स्थित अछि। हिमर महर्षि जमदग्नि कऽ आश्रम छल । आब एक सरोवर अवशेष रूप मे अछि। प्रत्येक मास कऽ शुक्ल पक्षक दसअम मेला लगैत अछि। महर्षि जमदग्नि कऽ परम्परा मे बाबा साधु रामने जहां तपस्या केलक आ अपन शरीरक त्याग केलक। ओहि स्थानक बाबा साधु रामक समाधि कऽ रूपमे पूजा करैत अछि। ई सरोवर आयो विशेष बात यह मानल जाएत अछि एहिमे पानी भरैके बाद फूंकार-हंकार कऽ आवाज आवैत अछि। पूर्ण लबालब भरल सरोवर सेहो पन्द्रह दिन मे सुख जाएत अछि । साप कऽ ई जगह अधिकता मानल जाएत अछि । मुदा आयो तक कोई नुकसान नै भेल ।[२]
सन्दर्भ सामग्रीसभ
सम्पादन करी- ↑ पुस्तक.ऑर्ग[permanent dead link] पर शब्दकोश मे
- ↑ जमदग्नि स्थल -जाजनपुर। अमन संदेश। २५ जून २००९