गोपाल प्रसाद रिमाल
गोपालप्रसाद रिमाल (१९७५-२०३०) नेपाली साहित्यमे प्रगतिवादी साहित्यकारक रूपमे चिनावैत अछि । काठमाडौंक लगनटोलमे जन्मल गोपालप्रसाद रिमाल निकै प्रतिभावान् व्यक्तिक रूपमे परिचित अछि । हुनकर "आमाको सपना" कृतिक लेल हुनका २०२० सालक मदन पुरस्कार प्रदान केने छथि । हुनकर वि.सं.२०३० मे त्रिभुवन पुरस्कारसँ सेहो सम्मानित भेल । छन्दमे लेख्ने परम्पराके तोइड गद्यमे कविता लिखलासे उनकर क्रान्तिकारी कविक रूपमे सेहो परिचित अछी । कम लिख ढेर जस कमावै बालामे हुनका एक छी ।
गोपाल प्रसाद रिमाल | |
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जन्म | १९७५ |
मृत्यु | वि.सं. २०३० कार्तिक ८ |
व्यवसाय | साहित्यकार |
बालबच्चा | मनोहर प्रसाद रिमाल (बेटा) |
अभिभावक(सभ) | उमाकान्त रिमाल |
जीवनीसंपादित करें
बाल्यकालसंपादित करें
रिमालक जन्म वि.सं. १९७४ जेठ १८ गते लगनटोल, काठमाडौंमे भेल छल। उनकर पिताक नाम उमाकान्त रिमाल छी।
शिक्षासंपादित करें
ओ प्रमाणपत्र तहधरिक अध्ययन केने छल ।
साहित्यिक यात्रासंपादित करें
रिमालक प्रकाशित रचना वि.सं. १९९२मे शारदामे "प्रति" शीर्षकक कविताके मानैत अछि ।
व्यक्तिगत जीवनसंपादित करें
निधनसंपादित करें
उनकर निधन वि.सं. २०३० कार्तिक ८ गते काठमाडौंमा भेल छल ।
कृतिसभसंपादित करें
१) मसान (नाटक, वि.सं. २००३)
२) यो प्रेम (नाटक,लेखन २००२, प्रकाशन वि.सं. २०१५)
३) आमाको सपना (कविता सङ्ग्रह २०२०)
उनकर मसान समकालिन साहित्यमे चर्चित नाटक छी। आमाको सपना कवितासंग्रह लगायतक उनक विभिन्न कृतिसभ प्रकाशित अछी। चर्चित नेपाली गीत " रातो रगत र चन्द्र सूर्य जंगी निशान हाम्रो " हिनका लिखने अछि।
पुरस्कार, मान-सम्मान, पदकसंपादित करें
१) वि.सं. २०१९क मदन पुरस्कार "आमाको सपना" का लेल प्राप्त[१]
२) वि.सं. २०३०मे 'त्रिभुवन पुरस्कार' प्राप्त