गुरुप्रसाद मैनाली
रुप्रसाद मैनाली (जन्म:वि.सं. १९५७, भादो शुक्ल चतुर्दशी, मृत्यु:वि.सं. २०२८ साल जेठ ५) नेपाली भाषाक एक कथाकार छी।
गुरुप्रसाद मैनाली | |
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जन्म | नानी बाबु वि.सं. १९५७ साल भाद्र २३ धनकुटा जिला,नेपाल |
मृत्यु | वि.सं. २०२८ साल जेठ २५ पशुपती आर्यघाट,काठमाडौं, नेपाल |
उपनाम | गुरुप्रसाद मैनाली |
पेशा | कथाकार, न्यायाधीश |
राष्ट्रियता | नेपाली |
अवधि | पञ्चायती काल |
शैली | कथा |
विषय | गाउँले जीवन, सामाजिक रुढिवाद आ अन्धविश्वास |
उल्लेखनीय कामसभ | नासो (कथासंग्रह) |
जन्म
सम्पादन करीउनकर पुर्खौली घर काभ्रेपलाञ्चोक जिलाक कानपुरमे अछी। उनकर पिता जागीर करैत छल। जागीरक सिलसिलामे उनकर पिता धनकुटा गएल छल । ओही समयमे गुरुप्रसाद मैनालीक जन्म धनकुटामे भऽ गेल। उनकर जन्म वि.सं. १९५७ साल भाद्र शुक्ल चतुर्दशीक दिनमे भेल छल। उनकर पिताक नाम काशीनाथ आ माताक नाम काशीरूपादेवी छी।
शिक्षा
सम्पादन करीगुरुप्रसाद ढेर-रास नै पढि सकल। बाबुक जागीर सरुवा होमएत बाबुक सँग-सँगे जाइ पडैक होमएसँ उनकर बसाइ एके ठाममा नै भ सकल। ओहीलेल पहिले घरमे ओ अक्षर पहचानलक, ओकर बाद 'लघुकौमुदी', 'अमरकोश', 'रुद्री', 'दुर्गासप्तशती' आदि पढलक। तहिना स्रेस्ता पाठशालामे पढलक। ओ बखत नेपालमे बहुत-रास विद्यालय नै छल।
जीवनयापन(सेवा)
सम्पादन करीमैनाली श्रेस्ता पाठशालाक पढाइ समाप्त भेलाक बाद जागीर मिलल। न्यायसेवामे उनकर जागीर छल। नौसिन्दा पदसँ मासिक रु. ११।- तलब पावैत ओ जागीर सुरु कलाक। बादमे ओ विचारी, डिठ्ठा आ तहबिलदार भेल। ओकर बाद फेर बढुवा भ ओ न्यायाधीश समेत भेल। सामान्य घरक आ कम मात्र पढल व्यक्ति न्यायाधीश होमएके बात नै छल। राणासभाक शासन भेल समयमे न्यायाधीश भेलासँ राणासभाक भित्री बात सेहो ओ बुझ्ने छल। न्यायाधीश भेल समयमे गुरुप्रसाद मैनाली बहुत-रास घरायसी मुद्दा देखै पडल। ओहन मुद्दासभ देखैत-देखैत ओ नेपालक गाउँघरमे कि-केहन स्थिति रहल अछि कहिक बुझलक। ओ गाम-गाममे घुम्ने सेहो छल। ओ गामघरमे गरीबसभ देखलक, लोगसभ किया गरीब भेल अछि कहिक सेहो बुझलक। श्रीमान्पत्नीक सम्बन्ध, पडोसी-पडोसीक सम्बन्ध आदि बहुत बात ओ देखलक। अनेकौं घटना तँ अत्यन्त मार्मिक छल। ओहन मार्मिक घटना बुझि ओही घटनासभसँ उनका कथा लिखैक प्रेरणा मिलल। गुरुप्रसाद मैनालीक ओ घटनाक विषयमे कथा लिखैल पावैत कतेक बढिया होइएत कहि लागै लगल। ओकर बाद बहुत सोचविचार करि ओ कथा लिखैल सुरु केलक। ओ गामघरमे होमएवाला शब्द आ गामघरमे घटैत घटनासभ राखि कथासभ लिखलक। ओ नेपाल आ भारतक बहुत-रास ठाम घुमने छल। ओही लेल गामघरमे भेल छोट-छोट घटना सेहोसभ ओ थाहा पावने छल। छोट-छोट घटनासँ सेहो उनकर मनमे लिखैक विचार आवैत छल। ओही लेल ओ ओहन घटनाक कथामे उतारलक। भारतमे जाके काम करैवाला नेपालीसभाक दुःख-दर्दक घटनाक विषयमे सेहो ओ कथा लिखने अछि।