गीताप्रेस वा गीता मुद्रणालय, विश्वक सर्वाधिक हिन्दू धार्मिक पुस्तकसभ प्रकाशित करएवाला संस्था छी। ई पूर्वी उत्तर प्रदेशक गोरखपुर शहरक गीता प्रेस रोड क्षेत्रमे स्थित एक भवनमे धार्मिक पुस्तकसभक प्रकाशन आ मुद्रणक काज कऽ रहल अछि। भारत सरकार गीताप्रेस क शान्ति मे योगदानक लेल वर्ष २०२१ क गांधी शान्ति पुरस्कार देबाक घोषणा केलक अछि[१]

गीताप्रेस के प्रवेशद्वार

गीता प्रेसकेँ भारतमे घर-घरमे रामचरितमानस आ भगवद्गीता पहुँचाबैक श्रेय देल जाइत अछि। गीता प्रेसक पुस्तकसभक बिक्री १८ निजी थोक दोकानसभक अतिरिक्त हजारो पुस्तक विक्रेतासभ आ ४२ प्रमुख रेलवे स्टेशनसभमे बनल गीता प्रेसक बुक स्टालसभक माध्यमसँ कएल जाइत अछि। गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा कल्याण (हिन्दी मासिक) आ कल्याण - कल्पतरु (अंग्रेजी मासिक) क प्रकाशन सेहो होइत अछि।

गीताप्रेसक कानपुर रेलवे स्टेशन पर स्टॉल

एहिमे लगभग २०० कर्मचारी कार्यरत अछि। ई एकटा विशुद्ध आध्यात्मिक संस्था अछि। देश-दुनियामे हिन्दी, संस्कृत आ अन्य भारतीय भाषासभमे प्रकाशित धार्मिक पुस्तकसभ, ग्रन्थसभ आ पत्र-पत्रिकासभक बिक्री करैत अछि।

स्थापना आ परिचय सम्पादन करी

गीताप्रेसक स्थापना सन् १९२३ मे भेल छल[२]। एकर संस्थापक महान गीता-मर्मज्ञ श्री जयदयाल गोयन्दका छल। एहि सुदीर्घ अन्तराल मे ई संस्था सद्भाव आ सत्-साहित्यक उत्तरोत्तर प्रचार-प्रसार करैत भगवत कृपा सँ निरंतर प्रगति केर पथ पर अग्रसर अछि। आइ ई न केवल भारतमे बल्कि विदेशमे सेहो अपन स्थान बनौने अछि। गीताप्रेसले निःस्वार्थ सेवाभाव, कर्तव्य-बोध, दायित्व-निर्वाह, प्रभुनिष्ठा, प्राणीक कल्याणक भावना आ आत्ममुक्तिक जे शिक्षा देलनि, ओ सबहक लेल अनुकरणीय आदर्श बनल अछि।

लगभग १०० वर्ष पूर्व यानि १९२३ मे स्थापित[३] गीता प्रेस द्वारा एखन धरि ४५.४५ करोड़ सँ सेहो बेसी प्रतिक प्रकाशन कएल जा चुकल अछि। एहिमे ८.१० करोड़ भगवद्गीता आ ७.५ करोड़ रामचरित मानसक प्रति अछि। गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित महिला आ बालउपयोगी साहित्यक १०.३० करोड प्रति पुस्तकक बिक्री भेल अछि।

गीता प्रेस द्वारा २००८ - ०९ मे ३२ करोड़ रूपया मूल्यक पोथीक बिक्री भेल। ई आंकड़ा पिछला सालक तुलनामे अढाइ करोड़ रुपया बेसी अछि। गत वित्त वर्ष मे गीता प्रेस ४,५०० टन कागज कें उपयोग पुस्तक कें छपाई कें लेल केलक.

गीता प्रेस क किछु विशेषता सम्पादन करी

 
श्रीविष्णुपुराण पुस्तक
  • गीता प्रेस सरकार या कोनो अन्य व्यक्ति या संस्था सँ कोनो प्रकारक अनुदान नहि लैत अछि।
  • गीता प्रेस मे प्रतिदिन ५० हजार सँ अधिक पोथी छपैत अछि।
  • ९२ वर्षक इतिहास मे मार्च, २०१४ धरि गीता प्रेस सँ ५८ करोड़ २५ लाख पुस्तक प्रकाशित भ चुकल अछि। एहिमे गीता ११ करोड़, ४२ लाख। रामायण ९ करोड़, २२ लाख। पुराण, उपनिषद आदि २ करोड़, २७ लाख। बच्चा आ महिलाक कें संबंध मे किताब १० करोड़, ५५ लाख. भक्त चरित्र आ भजन सम्बंधित १२ करोड, ४४ लाख आ अन्य १२ करोड, ३५ लाख।
  • मूल गीता आ ओकर टीकाक १०० सँ बेसी पोथीसभक ११ करोड, ५० लाख सँ बेसी प्रति प्रकाशित भेल अछि। एहिमे सँ कतेको किताबक ८० - ८० संस्करण छपल अछि।
  • एतय कुल १५ भाषासभ (हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, कन्नड, मलयालम, गुजराती, मराठी, बंगला, उडिया, असमिया, गुरुमुखी, नेपाली आ उर्दू) मे पुस्तक प्रकाशित होइत अछि।
  • एतय किताबसभ लागतसँ ४० सँ ९० प्रतिशत कम दाममे बिकैत अछि।
  • देश भर मे ४२ रेलवे स्टेशन पर स्टॉल आ २० शाखा अछि।
  • गीता प्रेस अपन पोथीमे कोनो जीवित व्यक्तिक चित्र नहि छापैत अछि आ ने कोनो विज्ञापन प्रकाशित करैत अछि।
  • गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका 'कल्याण' क वर्तमान मे २ लाख १५ हजार प्रतियां छपैत अछि। वर्षक पहिल अंक कोनो विषयक विशेषांक होइत अछि।
  • गीता प्रेस कलकत्ता स्थित 'गोबिन्द भवन' द्वारा संचालित अछि।

एहो सभ देखी सम्पादन करी

सन्दर्भ सामग्रीसभ सम्पादन करी

  1. Mishra, Dharmendra (18 June 2023)। "गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को मिलेगा 2021 का गांधी शांति पुरस्कार, संस्कृति मंत्रालय का ऐलान"Loktej (हिन्दीमे)। अन्तिम पहुँच 3 November 2023
  2. Kumar, Mayank (7 July 2023)। "Gita Press a living faith, no less than a temple, says PM Modi"The Hindu। अन्तिम पहुँच 3 November 2023
  3. Nair, Malini (10 February 2022)। "Is thumri louche or evolved? 100 years on, a debate around the classical form still rages"Scroll.in। अन्तिम पहुँच 4 November 2023

बाह्य जडीसभ सम्पादन करी