गढीमाई
गढीमाई मन्दिर नेपालक नारायणी अञ्चल, बारा जिलामे अवस्थित तराई क्षेत्रक प्रसिद्ध शक्तिपीठ अछि । बारा जिलाक सदरमुकाम कलैया नगरपालिकासँ लगभग आठ किलोमिटर पुरब बरियारपुरस्थित गढीमाईक मेला हरेक पाँच-पाँच वर्षमे मार्ग शुक्ल सप्तमीसँ आरम्भ होएत अछि । नेपालक विभिन्न क्षेत्रसँ लाखौँ दर्शनार्थीसभ भिड लागएवाला एहि पीठमे हजारौँ भारतीय दर्शनार्थीसभ सेहो आबएत अछि ।
गढीमाई | |
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निर्देशाङ्क: | २६°५९′३५.७″उ॰ ८५°०२′४७.८″पू॰ / २६.९९३२५०°N ८५.०४६६११°Eनिर्देशाङ्क: २६°५९′३५.७″उ॰ ८५°०२′४७.८″पू॰ / २६.९९३२५०°N ८५.०४६६११°E |
अवस्थिति | |
देश: | नेपाल |
जिला: | बारा |
स्थान: | बरियापुर |
कला आ संस्कृति | |
प्रमुख पर्व: | गढीमाई मेला |
बरियारपुरक खुल्ला मैदानमे राखल त्रिशूलसँ लोगक शूल रूपी तीन ताप आध्यात्मिक, आदिर्देविक आर आदिभौक्तिक नाश होएत कहल जनविश्वास अछि । त्रिशूल स्थापना भेल दक्षिणदिस हाल देवीक मूर्तिसहित मन्दिर सेहो देखल जा सकएत अछि। मन्दिरसँ पूर्व-दक्षिणदिस पीपलगाछसंगे ब्रहृमाक स्थान सेहो देखै लायक अछि। पूर्वदिस रहल ब्रहृमास्थलसँ मार्ग शुक्ल सप्तमीक दिन सरसफाई लिपपोत करि गढीमाईक स्वागत करएत पाँचदिनधरि पूजा करलाक बाद आनके लेल दर्शन खुला केल जाएत अछि । गढीमाईक पूजारी थारूजातिक अछि । गढीमाईक पूजाआजा करएत काल कङ्कालीमाई, जाखिनमाई, भक्तिमाईक पूजा केल जाएत अछि । अखन गढीमाईक बहिनसभ- कटबासीमाई, ककालीमाई, मनकामना, संसारी, साम्ये, राजदेवी, गढवाडा, जोरलाही, वनशक्ति आदिक सेहो पूजा केल जाएत अछि । [१]
गढीमाईक अखन पूजारी मगल चौधरि छी ।
सन्दर्भ सामग्रीसभ
सम्पादन करी- ↑ [१] सङ्ग्रहित २०१३-१०-१५ वेब्याक मेसिन पाँच वर्षमा लाग्ने गढीमाई मेला