क्रोनिकल्स अफ अ कर्पस बियरर

क्रोनिकल्स अफ अ कर्प्स बियरर लेखक आ नाटककार साइरस मिस्त्रीद्वारा लिखित सन् २०१२ केरऽ उपन्यास छी। भारतक स्वतन्त्रता-पूर्वकें युग पर आधारित, ई पुस्तक लास ढोए बला पारसी समुदायकें बारेमे अछि जे एखनका मुम्बई आ तखनकें बम्बे मे शवसभकें गाडेबाक लेल ल जाईत अछि। उपन्यासक विचार मिस्त्रीकें सन् १९९१ मे आएल, जखन ओ एकटा फिल्म निर्माताक लेल एहि विषय पर शोध करि रहल छल, जे संयुक्त अधिराज्य केर टिभी च्यानल च्यानल ४ द्वारा एहि पर एकटा वृत्तचित्र बनाबक लेल चाहैत छल। फिल्म तँ नहि बनि सकल एहि लेल मिस्त्री एकरा एकटा उपन्यासक रूपमे लिखबाक निणर्य केलक।

क्रोनिकल्स अफ अ कर्पस बियरर  
फाइल:Chronicle of a Corpse Bearer.jpg
लेखक साइरस मिस्त्री
देश भारत
भाषा अङ्ग्रेजी
प्रकार काल्पनिक
नाटक
प्रकाशक आलेफ बुक कम्पणी
प्रकाशन तिथि २०१२
मीडियाक प्रकार प्रिन्ट (किताब, हार्डब्याक)
पृष्ठ २४८
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ९७८८१९२३२८०६८

क्रोनिकल्स अफ अ कर्प्स बियरर, सन् २०१४ मे दक्षिण एसियाली साहित्यक लेल डीएससी पुरस्कार आ सन् २०१५ मे अंग्रेजीक लेल साहित्य एकेडेमी पुरस्कार जीतने छल।[][]

फिरोज एल्चिदाना पारसी समुदाय केरऽ पारसी लाशवाहक उर्फ "खंडिया" छै जेकरऽ काम छै कि मृतकऽ के संग्रह करना, लाश क॑ सड़ै लेली छोड़ी देलऽ जाय या गिद्धऽ द्वारा भस्म होय जाय स॑ पहल॑ अंतिम संस्कार आरू संस्कार करलऽ जाय । पढ़ाई में अकुशल पुजारी के बेटा फिरोज एकटा खाँधिया के बेटी सेपिदेह स’ प्रेम क’ क’ अपन परिवार के निराशा के आओर बढ़ा दैत अछि. बाद मे ओकर विवाह क' स्वयं लाश वाहक बनि जाइत अछि । सेपिदेह मरि जाय छै, जेकरा चलतें फिरोज आरू ओकरऽ बेटी दुखी होय जाय छै ।


दैनिक समाचार आरू विश्लेषण लेली लिखतें हुअ॑ अदिति शेषादरी न॑ एकरा "सामाजिक भेदभाव केरऽ रोचक आरू असामान्य विवरण" बतैलकै लेकिन आगू कहलकै कि ई "प्रेम आरू हानि केरऽ हलचल पैदा करै वाला, नाटकीय, तीव्र व्यक्तिगत कहानी नै छै जे... ई भ' सकैत छल."[] भोर के महवेश मुराद लिखने छथि: "क्रॉनिकल ऑफ ए लाश वाहक कोनो सही पोथी नहि अछि, मुदा ई एकटा महत्वपूर्ण अछि।"[] जय अर्जुन सिंह न॑ अपनऽ समीक्षा म॑ कहलकै कि ई उपन्यास "एक अच्छा गति, आंतरिक रूप स॑ सुसंगत उपन्यास के तरह कम आरू खंडित उपन्यास के तरह बेसी पढ़ै छै।" सामाजिक-इतिहास, बहुत रास बात पर बेसी कहबाक प्रयास."[] आउटलुक के बख्तियार के हास्य, विडंबना आ त्रासदी, ई सुनिर्मित पोथी एकटा विजेता अछि।"[]

देखू सेहो

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  1. Seervai, Shanoor (22 जनवरी 2014)। "पार्सी लाश वाहक पर साइरस मिस्त्री"द वाल स्ट्रीट जर्नल। 2017-04-11 कऽ मूल रूप सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 30 मार्च 2018 {{cite news}}: Unknown parameter |dead-url= ignored (|url-status= suggested) (help)
  2. Mistry, Cyrus (19 December 2015)। लेल-साहित्य-अकादेमी-पुरस्कार-जीत-जीत-जीत-बड़ि गेल अछि "पुनः पढ़ू: ओ उपन्यास जे एखनहि अंग्रेजीक लेल साहित्य अकादमी पुरस्कार जीतने छल"। Scroll.in। अन्तिम पहुँच 18 December 2018 {{cite news}}: Check |url= value (help)
  3. सेशाद्री, अदिति (2 सितम्बर 2012)। "पुस्तक समीक्षा: 'एक लाश वाहक का इतिहास'"दैनिक समाचार एवं विश्लेषण। 2023-11-07 कऽ मूल रूप सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 30 मार्च 2018 {{cite news}}: Unknown parameter |dead-url= ignored (|url-status= suggested) (help)
  4. "REVIEW: एकटा लाश वाहक के इतिहास"। 30 March 2018 कऽ मूल रूप सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 7 November 2023 {{cite news}}: Unknown parameter |dead-url= ignored (|url-status= suggested) (help); Unknown parameter |अंतिम= ignored (help); Unknown parameter |काज= ignored (help); Unknown parameter |तिथि= ignored (help); Unknown parameter |पहिल= ignored (help); Unknown parameter |पहुंच तिथि= ignored (help)
  5. सिंह, जय अर्जुन (4 अगस्त 2012)। "क बोझ death"तेहेलकामूलसँ 2018-03-31 कऽ सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 30 मार्च 2018 {{cite news}}: Cite has empty unknown parameter: |dead-url= (help)
  6. दादाभोय, बख्तियार के. (13 अगस्त 2012)। dakhma/281821 "दखमा के छाया में"दृष्टिकोण। अन्तिम पहुँच 1 अप्रैल 2018 {{cite news}}: Check |url= value (help)

के बारे में।

आकृति:अंग्रेजी के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार

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