जर्मनी मे वुर्ट्सबर्ग विश्वविद्यालय के भौतिकी के प्राध्यापक विल्हेल्म कोनराड रंटजन १८९५ मे एक्सरे क आविष्कार केलक।
यदि कांच क नलिका मे से वायु क पंप से क्रमश: निकालल जाए आर ओहिमे उच्च विभव क विद्युद्विसर्जन कएल जाए, त दाब के पर्याप्त अल्प होएसे वायु स्वयं प्रकाशित होमए लागेत अछी। इ घटना क प्रायोगिक अध्ययन करैत समय रंटजन इ देखलक कि वायु क दाब अत्यंत अल्प होएसँ काँच क नलिका मे से जे किरणसभ आवैत अछी, ओई से बेरियम प्लैटिनोसाइनाइड के मणिभ प्रकाश दै लगैत अछी आर, नलिका क काला कागज से पूर्ण रूप से ढकै पर सेहो, पास मे रखल मणिभ द्युतिमान होएत रहैत अछी। अत: इ स्पष्ट छल कि विसर्जननलिका के बाहर जे किरणसभ आवैत अछी ओ काला कागज मे से सुगमता से पार भ सकैत अछी आर बेरियम प्लेटिनोसाइनाइड के परदा क द्युतिमान करि क विशेष गुण इ किरणसभ मे अछी