आकृति:मुख्य चित्र/२०१९-०३-१६

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भगवान शनिदेवक विशाल प्रतिमा ।

शनि शत्रु नै मित्र छी !

शनिस्तुति

सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय: । मंदचार प्रसन्नात्मा पीडां हरंतु मे शनि !!

नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम् ! छाया मार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम् !!...



फोटोग्राफर/श्रोतः शनिदेव माहाराज , तिथि: १३ नवम्बर २०१४
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