अनसूया दक्ष प्रजापतिक चौबीस कन्यासभ मद्धे एक तथा अत्रि ऋषिक पत्नी छलिन। अनसूया राम, सीतालक्ष्मणके अपन आश्रममे स्वागत केने छलिन । हुनका सीताके उपदेश देने छलिन आ सीताके अखण्ड सौन्दर्यताक एक ओषधि सेहो देने छलिन ।[] उनी भगवान् दत्तात्रेयक माता छल ।

पोरबन्दरक मन्दिरमे त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, शंकर)के भोजन खुवैत सती अनसूयाक मूर्ति

सन्दर्भ सामग्रीसभ

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  1. Gopal, Madan (1990). K.S. Gautam. ed. India through the ages. Publication Division, Ministry of Information and Broadcasting, Government of India. प॰ 66. 

बाह्य जडीसभ

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एहो सभ देखी

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